विद्युत कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन दसवें दिन भी जारी

बस्ती (उ.प्र.)। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ,बस्ती के बैनर तले ध्यानाकर्षण हेतु विरोध प्रदर्शन के दसवें दिन कार्यालय मुख्य अभियंता,बस्ती क्षेत्र के प्रांगण में निजीकरण के विरोध में सभी अधिकारी/ कर्मचारी धरना स्थल पर उपस्थित  हुए,अध्यक्षता संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्री अशर्फी लाल ने किया, संचालन सहायक अभियंता श्री राघवेंद्र द्विवेदी ने किया।



सरकार के निजीकरण के रवैये पर श्री नासिर अहमद प्राविधिक कर्मचारी के जोनल अध्यक्ष ने कहा घाटे के नाम पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निजीकरण का खेल खेल रही है जबकि आगरा एवम नोएडा में हुए निजीकरण में विगत कई वर्ष पूर्व सरकार द्वारा निरीक्षण कर दिया गए । एक सर्वे के अनुसार आगरा में निजीकरण पर कार्य कर रहे टोरंट पावर कंपनी वर्तमान समय में ₹600 करोड़ के घाटे में चल रही है । हमारी सरकार से मांग है कि नोएडा कंपनी जो 3 सदस्य कमेटी का गठन किया गया ,उनके हाथों प्रकरण की अविलंब जांच की जाए परंतु सरकार द्वारा जांच के नाम पर प्रकरण को टालने की नीति अपना रही है।


आंगनबाड़ी श्रम के संगठन के मंडल अध्यक्ष कामरेड श्री राधा पति पाठक ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन दिया और विश्वास दिलाया कि अगर जरूरत पड़ी तो आगनबाडी के कार्यकर्ती भी आंदोलन में पीछे नहीं रहेंगी । माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि निजीकरण प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। अगले क्रम में उत्तर प्रदेश बिजली सरकार और प्रबंध तंत्र मिलकर विभाग को घाटे के नाम पर बेचना चाहते हैं जबकि सन 2000 के आंदोलन में सरकार और कर्मचारियों के बीच समझौता हुआ था कि पावर कारपोरेशन यदि समीक्षा के अनुसार घाटे में आया तो पुनः राज्य विद्युत परिषद को बहाल कर दिया जाएगा । इसी प्रकार सन 2018 के आंदोलन में माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा था कि कर्मचारियों को बिना विश्वास मत में लिए निजी करण नहीं किया जाएगा लेकिन सरकार द्वारा अपने कथन से इतर निजीकरण का कार्य किया जा रहा है जो कि सर्वथा अमान्य है।


विरोध स्थल पर इंजीनियर श्री मनोज कुमार यादव , आनंद गौतम , आशुतोष लाहिड़ी जितेंद्र मौर्य विजय सिंह कुशवाहा अली अहमद,मानस भल्ला आदि मौजूद रहे।