स्वामित्व योजना: गांव की कार्यवाही समय से पूर्ण करने के निर्देश

संतकबीरनगर (उ.प्र.) । भारत सरकार की क्रांतिकारी स्वामित्व योजना के प्रथम चरण में जनपद सन्त कबीर नगर के भी 10 ग्राम चयनित हैं। योजना पर जिला प्रशासन पर किये गये कार्यवाही की जानकारी वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से मंगलवार को चेयरमैन बोर्ड आफ रेवेन्यु दीपक त्रिवेदी, आयुक्त एवं सचिव बोर्ड आफ रेवेन्यु मनीष त्रिघाटिया प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियो, अपर जिलाधिकारियों एवं उप जिलाधिकारियों से वार्ता कर जानकारी लिये।



अधिकारियों ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जनपद के राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया है कि स्वामित्व योजना के पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत सम्मिलित गांव की कार्यवाही समय से पूर्ण किया जाय। संतकबीरनगर के जिलाधिकारी रवीश गुप्ता एवं अपर जिलाधिकारी संजय कुमार पाण्डेय से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना के बिन्दुओ पर चेयरमैन बोर्ड आफ रेवेन्यु दीपक त्रिवेदी, आयुक्त एवं सचिव बोर्ड आफ रेवेन्यु मनीष त्रिघाटिया ने जानकारी ली। संतकबीरनगर के कार्यो से अधिकारी संतुष्ट रहे। लगातार स्वामित्व योजना पर मानीटरिंग किये जाने का निर्देश दिए। जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने पहले ही स्वामित्व योजना पर पहल करते हुए इसकी रूप रेखा तैयार कर तीनो तहसीलो के उप जिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिये थे। पूर्व में जनपद के नोडल अधिकारी/अपर प्रमुख सचिव होमगार्ड अनिल कुमार ने भ्रमण के दौरान ड्रोन सर्वेक्षण का शुभारम्भ किया था।


जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने बताया कि यह योजना ग्रामीण आबादी क्षेत्र, जिसे आमभाषा मे डीह क्षेत्र भी कहते हैं, के सर्वेक्षण एवं अभिलेखीकरण की योजना है। यह एक बहुत ही अच्छी सुविधा जनपदवासियों के लिए है जिसका भी घर आबादी क्षेत्र में है उसको जानना चाहिए कि समय से अपनी घरौनी प्राप्त कर ले। उन्होनें बताया कि आबादी क्षेत्र कार्य समाप्त होने पर डीह क्षेत्र का भी एक अलग नक्शा (मानचित्र) उपलब्ध होगा, एवं जिस प्रकार से खेत भूमिधरी की खतौनी उपलब्ध होती है, उसी प्रकार डीह आबादी की ‘घरौनी’ उपलब्ध हो जाएगी। घरौनी सम्बन्धित आबादी खण्ड के स्वामी को उपलब्ध भी करवाई जाएगी।


जिलाधिकारी ने बताया कि इसके बाद किसी भी गृह स्वामी को अपने घर के स्वामित्व एवं चौहद्दी सिद्ध करने हेतु कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि उसके पास खेत की ही तरह घर के भी पक्के अभिलेख होंगे। प्रशासन को भी इसके कारण आबादी क्षेत्र के विवाद सुलझाने में बहुत आसानी होगी। अनुमान है कि इस योजना के पूर्णता के बाद भूमि विवादों में भारी गिरावट आएगी। उन्होनें बताया कि नक्शे स्पष्ट एवं त्रुटिरहित बने, इसके लिए आबादी भूखंड की सीमा रेखाओं पर चूना/आटा से सफेद रेखा खींच कर उसके उपरान्त आकाश से ड्रोन से सर्वेक्षण कार्य किया गया है।


वीडियो कान्फ्रेसिंग में उप जिलाधिकारी खलीलाबाद राज नारायण त्रिपाठी, मेंहदावल एसडीएम अजय कुमार त्रिपाठी, तहसीलदार धनघटा श्रीमती वन्दना मिश्रा एवं तहसीलदार शंशाक शेखर राय सहित तहसीलदार उपस्थित रहे।