संतकबीर नगर (उ.प्र.)। गाँव के विकास के मद में आये सरकारी धन के बंदरबांट के मामले में एक तरफ जहां शिकायत के बाद जांच मे जांच अधिकारियों ने घोटाले की पुष्टि की थी और तत्कालीन डीएम रवीश गुप्ता के द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार सीज कर अंतिम जांच जिले के पीडी को सौंप दिया गया था। उसी मामले में दूसरे की शिकायत पर जांच करने पहुंचे अधिकारी द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट में उसी ग्राम प्रधान और सीक्रेटरी को साफ तौर पर क्लीन चिट दे दिया गया ।
मामला जिले के सेमरियावां ब्लॉक के बन्नी गाँव मे ग्राम प्रधान और सचिव के द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा पर पलीता लगाते हुए विकास कार्यों के मद में आये लगभग 22 लाख रुपये के बंदरबांट का है। सेमरियावां ब्लॉक के बन्नी गाँव के ग्राम प्रधान और सीक्रेटरी के ऊपर विकास कार्यों के मद में आये सरकारी धन के बंदरबांट को लेकर पिछले दिनों गाँव निवासी मुस्ताक अहमद नाम के शिकायतकर्ता की शिकायत को सही पाते हुए जांच अधिकारियों में शामिल ड्रेनेज खण्ड के अधिशासी अभियंता सतीश चंद ने घोटाले की पुष्टि की थी और जिसपर तत्कालीन जिलाधिकारी रवीश गुप्ता के द्वारा ग्राम प्रधान का वित्तीय अधिकार सीज किया गया था । उसी गाँव के दूसरे शिकायतकर्ता अदील अहमद की शिकायत पर गाँव मे जांच करने पहुंचे जिला विकास अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में ग्राम प्रधान और सीक्रेटरी को साफ तौर पर क्लीन चिट दे डाला। जबकि गाँव निवासी शिकायतकर्ता अदील अहमद ने आरटीआई से मिली जानकारी और भुगतान से जुड़े दस्तावेज भी जांच अधिकारी यानी डीडीओ को सौंप कर यह अवगत कराया था कि किस तरह एक ही काम को कागज़ो में दो बार कार्य होना दिखाकर लाखों का बंदरबांट किया गया है।
मामले में गुपचुप तरीके से जांच कर पीडी द्वारा ग्राम प्रधान के पक्ष में रिपोर्ट लगाए जाने से निराश गाँव के दूसरे युवक ने कुल 14 विन्दुओ पर शिकायत करते हुए दुबारा जांच करने की मांग तत्कालीन डीएम रवीश गुप्ता से की थी जिसपर डीडीओ संतकबीरनगर की अगुआई में बन्नी गाँव पहुंची टीम ने स्थलीय परीक्षण के दौरान माना कि गाँव के विकास कार्यों में अनियमितता हुई है लेकिन अंतिम जांच रिपोर्ट में ग्राम प्रधान और सीक्रेटरी को क्लीन चिट देते हुए पहले हुए जांच पर आंच न लाते हुए मामले में लीपापोती की ।
गाँव के विकास के मद में आये सरकारी धन के बंदरबांट के मामले में एक तरफ जहां पहले की गई शिकायत के बाद जो पिछले दिनों बड़ा गड़बड़झाला निकल कर सामने आया उससे परेशान शिकायतकर्ता तहसील दिवस में अपनी शिकायत लेकर पहुंचा। तहसील दिवस के दौरान नवागत जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल से मिलकर शिकायतकर्ता अदील अहमद ने गाँव के विकास कार्यों की जांच किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी से कराए जाने की मांग की। शिकायतकर्ता अदील अहमद ने जिन 14 विन्दुओ की शिकायत की थी उनमे प्रमुख रुप से सीसी रोड,खण्डजा निर्माण, नाली निर्माण, शौचालय निर्माण ,चकरोड निर्माण, आदि के मद में आये सरकारी धन के बंदरबांट का आरोप ग्राम प्रधान और सचिव के ऊपर है। पूरे मामले पर शिकायतकर्ता अदील अहमद ने जांच अधिकारियों पर ग्राम प्रधान और सीक्रेटरी को बचाने का आरोप लगाया है जिसपर जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने जांच और कार्यवाही की बात कही है।