पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पंचतत्व में विलीन

  •  31 अगस्त से छह सितंबर तक सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा 


नई दिल्ली |  दिल्ली स्थित लोधी घाट पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी  का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।  'कोरोना काल' की वजह से श्मशान घाट पर पूर्व राष्ट्रपति का परिवार और रिश्तेदार पीपीई किट में मौजूद रहा। बेटे अभिजीत मुखर्जी ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कैबिनेट मंत्रियों, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने प्रणब मुखर्जी को उनके आवास 10 राजाजी मार्ग पर श्रद्धांजलि दी।



प्रणब मुखर्जी को पिछले 10 अगस्त को सेना के ‘रिसर्च एंड रेफ्रल हास्पिटल’ में भर्ती कराया गया था। उसी दिन उनके मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। उसके बाद वह काफी दिनों तक सेना के अस्पताल में कोमा में थे। मुखर्जी को बाद में फेफड़ों में संक्रमण हो गया। वह 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे।


पूर्व राष्ट्रपति के निधन के बाद, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने मंगलवार को उनके अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को उनके सरकारी निवास 10, राजाजी मार्ग लाया गया था।


केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर सोमवार को सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। केंद्रीय कैबिनेट ने आज दो मिनट का मौन रखकर पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके सम्मान में भारत में 31 अगस्त से लेकर छह सितंबर तक राजकीय शोक रहेगा।