संतकबीरनगर (उ0प्र0) । विकासखंड सेमरियावां के ब्लाक सभागार में आयोजित बैठक में उस हंगामें की स्थिति उत्पन्न हो गयी जब विकास खण्ड के उमिला ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान एवं प्रतिनिधि ने सदर विधायक के सामने ही मौजूदा खंड विकास अधिकारी को सबसे बडा भ्रष्टाचारी बताया और बिना कमीशन काम न करने का आरोप लगाया । अचानक पूर्व प्रधान की तरफ से यह हरकत होते ही बैठक में हंगामें की स्थिति उत्पन्न हो गयी और लोग सकते में आ गये ।
पूर्व प्रधान व वर्तमान प्रतिनिधि महेन्द्र पाठक ने आरोप लगाया कि खंड विकास अधिकारी बिना भारी कमीशन के कोई कार्य नहीं करते हैं। उन्होंने गावं में मिट्टी पटाई का एक भी कार्य न होने का भी आरोप लगाया और कहा कि खंड विकास अधिकारी इससे संबंधित कोई भी फाइल बिना किसी कमीशन आगे नहीं बढ़ने देते ।
सदर विधायक के समझाने और खंडविकास अधिकारी के सख्त तेवर अपनाते ही वहां मौजूद सुरक्षाबलों द्वारा पूर्व प्रधान को जबरदस्ती बैठक से बाहर कर दिया गया । हालांकि इस घटना से एक बात तो पूरी तरह तय है कि कहीं न कहीं कोई बात तो जरूर है क्योंकि कोई भी प्रधान यह बात इस तरह इसलिए नहीं कहता क्योंकि इससे विकास कार्य रूक जाएगें ।यह तो हर कोई जानता है कि भ्रष्टाचार जमकर हो रहा है चाहे मनरेगा विभाग से संबंधित कार्य हो या कोई अन्य कार्य इसमें कमीशनखोरी जमकर ब्लाककर्मियों द्वारा ली जाती है लेकिन चाहकर भी प्रधानगण इसकी शिकायत नहीं कर पाते हैं।अगर उच्चाधिकारियों द्वारा इसकी जाचं सही और अलग तरीके से हो तो कई लोग इसकी जद में आ सकते हैं।