लाकडाउन:नशे की लत से छुट्टी पाने का  एकदम सही समय है-डा. नवीन सिंह
बस्ती (उ.प्र)।  कोरोना का यह दौर नशे की लत से हमेशा के लिए छुटकारा दिलाने में बहुत ही मददगार साबित हो सकता है। पिछले एक महीने से चल रहे लाक डाउन के दौरान घर के अंदर परिवार के साथ रहने के कारण या आसानी से उपलब्ध न होने के चलते लोग बीड़ी सिगरेट का एक कश भी नही ले पा रहे हैं। अपने भीतर दृढ़ इच्छा शक्ति लाकर हमेशा-हमेशा के लिए इससे छुटकारा पा सकते हैं। शराब, गांजा, भांग व अन्य नशे की लत से छुटकारा पाने का इससे बेहतर समय नही हो सकता। सोचने की जरूरत है बगैर नशे के आप महीना भर रह सकते हैं तो जिंदगी भर क्यों नहीं। 

बस्ती में आयुष चिकित्सा के एक्यूप्रेशर विधा के जानकार डा. नवीन सिंह का कहना है कि लाकडाउन   नशे से छुटकारा पाने का  एकदम सही समय है।  इससे पूरी तरह से छुटकारा दिलाने में प्राणायाम और ध्यान भी बहुत ही सहायक साबित हो सकता है। धूम्रपान अगर कुछ समय तक किसी भी कारण से छूट जाता है तो लोग अपने में संयम लाकर इससे हमेशा के लिए मुक्ति पा सकते हैं। इससे जहाँ जीवन में खुशहाली आयेगी और शरीर निरोगी रहेगा। धूम्रपान कैंसर का कारण है। इससे छुटकारा पाने में खुद के साथ ही समाज की भी भलाई है। स्मोकिंग के बाद करीब 70 फीसद जो धुआं बाहर छोड़ते हैं वह उन सभी को प्रभावित करता है, जो उसके संपर्क में आते हैं। धूम्रपान करने वाले से ज्यादा नुकसान उसके धुंएँ की चपेट में आने वालों का होता है।


डा. नवीन सिंह का कहना है कि इस बीच बीड़ी-सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगी है, इसके चलते  इसकी उपलब्धता भी ख़त्म हो गयी है। इसके अलावा खुले में थूकने पर भी मनाही है, इस भय से भी लोग अब नशे से तौबा करने में ही अपनी भलाई समझेंगे।


डा. नवीन सिंह का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति एक से छह महीने तक नशा न करे तो दृढ़ इच्छा शक्ति और परिवार के सहयोग से सदा के लिए नशे से छुटकारा पा सकता है। जब कभी नशे की लत महसूस हो तो अपनों के बीच बैठ जाइए और उनके साथ समय व्यतीत करें या किसी दूसरे मनपसंद काम में मन लगायें ताकि नशे की ओर ध्यान न जाये। यही छोटी-छोटी तरकीब आजमा कर बेहतर जिन्दगी की तरफ बढ़ चलेंगे।


सामाजिक कार्यकर्ता अशोक श्रीवास्तव का कहना है कि नशे से छुटकारा दिलाने में 4 डी फैक्टर यानि डीप ब्रीथिंग (गहरी सांस लेना), डिनाय (मना करना), डिले (देर करना) और ड्रिंक मोर वाटर (ज्यादा पानी पीना) बहुत ही कारगर साबित हो सकता है। जब कभी नशे की लत महसूस हो गहरी सांस लें और दूसरे कामों में मन लगायें, कोई अगर नशे के लिए आफर भी करे तो मना करने की आदत डालें, नशे की लत महसूस हो तो अन्य कार्यों को तरजीह देकर नशे को टालें और खूब पानी पियें ताकि पेट भरा हुआ महसूस हो और नशे की इच्छा ही न हो। 


योग शिक्षक गरूणध्वज पाण्डेय कहते हैं प्राणायाम, अनुलोम विलोम, कपालभाति, भ्रामरी योग और ध्यान भी नशे से मुक्ति दिलाने में बहुत ही सहायक हैं। जो व्यक्ति नियमित प्राणायाम करता है, वह नशीली चीजों के सेवन से अपने आप दूर हो जाता है। इससे खून भी साफ़ होता है और यह एक माह में ही असर दिखाना शुरू कर देता है। नशे की लत के शिकार कुछ लोगों ने बातचीत में माना कि कई बार मन में आता था कि नशा छोड़ दूँ लेकिन घर से निकलता था और रास्ते में दुकान दिखने के बाद बरबस उसी तरफ खिंचा चला जाता था। कभी छोड़ने का मन बनाया तो दोस्तों के दबाव में नशा कर लेता था किन्तु इधर डेढ़ महीने से बड़ी मुश्किल से सब कुछ छूटा हुआ है। क्योंकि अब घर से बाहर निकलना नही हो रहा है, दुकानें भी बंद हैं और दोस्तों से भी मिलना-जुलना बंद है। शुरुआत में कुछ दिक्कत जरूर महसूस हुई लेकिन अब बड़ा सुकून महसूस हो रहा है। अब आगे कभी भी नशे के चक्कर में नहीं पडूंगा।