लोगों को स्‍वस्‍थ बनाने के लिए सरकार निरन्‍तर प्रयत्‍नशील है: जय चौबे

  • सांस के रोगियों की संख्‍या सबसे अधिक 400 रही। जबकि लीवर के 139, मधुमेह के 144, उदर रोग के 373, चर्म रोग के 354 रोगी रहे


संतकबीरनगर  । प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे आरोग्य मेले में जिले के 2 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों समेत कुल 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क जांच व इलाज की सुविधा दी गई। शहरी क्षेत्र मगहर में मेले का शुभारंभ खलीलाबाद के विधायक दिग्विजय नारायण चतुर्वेदी उर्फ जय चौबे ने किया। इसके अतिरिक्‍त अन्‍य  क्षेत्रों में भी क्षेत्रीय प्रतिनिधियों ने मेले का उद्घाटन किया। 


मेले का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह सरकार की एक महत्‍वाकांक्षी योजना है। लोगों को स्‍वस्‍थ बनाने के लिए सरकार निरन्‍तर प्रयत्‍नशील है। इस आयोजन में स्वयंसेवी योगदान के लिए निजी क्षेत्र के चिकित्सकों को भी आगे आने चाहिए। प्रयास हो कि मेले में वह सभी सुविधाएं एक ही जगह पर लोगों को मिल जाएं जिसके लिए उन्हें बाकी दिनों में कामकाज छोड़कर अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।


मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ हरगोविन्‍द सिंह ने बताया कि 20 ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जबकि 2 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर मार्च 2020 तक लगातार प्रत्येक रविवार को स्वास्थ्य मेले लगाए जाने हैं। मेले का आयोजन सुबह दस बजे से अपराह्न 2.00 बजे तक किया जाएगा।


मेले के नोडल अधिकारी डॉ ए के सिन्‍हा ने बताया कि कुल 3217 मरीजों का मेले में इलाज किया गया। इसमें 1087 पुरुष, 1567 महिला तथा 563 बच्‍चे शामिल थे। इस अवसर पर मेले के नोडल अधिकारी डॉ ए के सिन्‍हा समेत, एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एसडी ओझा, जिला कुष्‍ठ रोग अधिकारी डॉ वेद प्रकाश पाण्‍डेय, एपीडेमियोलाजिस्‍ट मुबारक अली, डीपीएम विनीत श्रीवास्‍तव, डीसीपीएम संजीव सिंह, जिला समन्‍वयक आर के एस के दीनदयाल वर्मा, मनीष मिश्रा, प्रमुख तौर से मौजूद   रहे ।


आज के मेले में सांस के रोगियों की संख्‍या सबसे अधिक 400 रही। जबकि लीवर के 139, मधुमेह के 144, उदर रोग के 373, चर्म रोग के 354 रोगी रहे। इसके अतिरिक्‍त 171 गर्भवती महिलाओं की जांच, 24 कुपोषित बच्‍चों की जांच, तथा अन्‍य मौसमी रोगों से ग्रसित 1612 लोगों की जांच की गई। इसके अतिरिक्‍त 34 मरीजों को उच्‍च स्‍वास्‍थ्‍य इकाइयों के लिए रेफर किया गया।" alt="" aria-hidden="true" />