जिला अस्पताल में तैनात प्रमुख अधीक्षक डा. ओ.पी. सिंह ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया होता तो बस्ती कोरोना के कहर से बच जाता। किन परिस्थितियों में हसनैन को गोरखपुर रेफर किया गया इसके सभी विन्दुओं की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई किया जाय जिससे भविष्य में किसी अनहोनी से बचा जा सके।
पत्र में कहा गया है कि डा. ओ.पी. सिंह ने चिकित्सक धर्म का निर्वहन न करते हुये एक बड़ी समस्या को जन्म दे दिया जिसका दण्ड अकारण हसनैन के परिवार व समूचा जनपद भुगत रहा है।
उन्होने पत्र में कहा है कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार ने गरीबों में वितरण के लिये रोशन कोटे के माध्यम से जो खाद्यान्न वितरण की योजना बनायी है जनपद के अनेक हिस्सों में उसका घोर उल्लंघन हो रहा है जिसके कारण अनेक पात्र लाभ से वंचित हो रहे हैं या घटतौली के शिकार हो रहे हैं। सरकार द्वारा प्रति पात्र गृहस्थी कार्ड 35 किलो राशन देने का आदेश है और यदि 10 यूनिट है तो पचास किलो, यदि 7 यूनिट है तो 35 किलो राशन देना है। किन्तु जानकारी मिली है कि राशन कोटेदार मात्र 35 किलो ही दे रहे हैं, यूनिट चाहे अधिक ही क्यों न हो । अच्छा हो कि राशन वितरण के 6 यूनिट से अधिक के कार्डो की 5 प्रतिशत रेन्डम जांच करा लिया जाय और दोषियों को दण्डित करने के साथ ही पात्रों को योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाय।
सपा नेता कृष्ण चन्द्र सिंह ने कहा है कि जनपद का किसान इन दिनों दोहरी मार झेल रहा है। बरसात के कारण अनेक स्थानों पर गेहूं की फसल चौपट हो गई। ऐसे में किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया जाय। लॉक डाउन के कारण किसान अपना गेहूं बेचने के लिये नहीं ला पा रहे हैं ऐसे में उनसे घरों पर ही गेहूं की खरीद कराया जाय, संकट काल में गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर अरबो रूपयों का बकाया तत्काल प्रभाव से भुगतान हो ।
सपा नेता कृष्ण चन्द्र सिंह ने कहा है कि श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों को शासन द्वारा कुछ सुविधा दी जा रही है किन्तु असंगठित क्षेत्र के दिहाडी, खेतिहर मजदूर, नाई, धोबी, बढई, लोहार आदि परिवार इससे वंचित है। उन्हें भी सुविधाओं का लाभ पहुंचाया जाय।
प्रमुख सचिव श्रम को पत्र सौंपने वालों में पूर्व प्रमुख बेचूं सिंह, एपीएन पी.जी. कालेज के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अमन प्रताप सिंह शामिल रहे।